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News Highlights provides you with the best compilation of the Daily News Highlights taking place across the globe: National, International, Sports, Science and Technology, Banking, Economy, Agreement, Appointments, Ranks, and Report and General Studies
1.
(भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ रहा है। इसी दिशा में भारत ने विश्व का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु विस्फोटक बनाने में कामयाबी हासिल की है। यह विस्फोटक ट्राइनाइट्रोटोलुइन (टीएनटी) की तुलना में दोगुने से भी अधिक घातक है। इस विस्फोटक को सेबेक्स 2 नाम दिया गया है। इसका सफल परीक्षण भी कर लिया है। नई विधि से तैयार सेबेक्स 2 की खासियत यह है कि यह बिना वजन बढ़ाए बम, गोले की मारक क्षमता बढ़ाने में सक्षम है।)
2.
(देश में अपराधों पर कार्रवाई और आपराधिक प्रक्रिया तय करने वाले तीन नए कानून एक जुलाई से लागू हो चुके हैं। ऐसे में एक जुलाई के बाद जो भी अपराध घटित होगा उसकी प्राथमिकी (एफआईआर) पुलिस नए कानून में दर्ज करेगी। लेकिन नए कानून लागू होने के बावजूद जो अपराध कानून लागू होने की तिथि यानी, एक जुलाई से पहले घटित हुआ होगा, उसकी प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में ही दर्ज होगी, चाहे प्राथमिकी एक जुलाई के बाद ही क्यों न दर्ज कराई जाए। ऐसे मामलों में अपराध तो आईपीसी में दर्ज होगा, लेकिन केस की जाँच और अदालती कार्यवाही नए कानून के तहत की जाएगी।)
3.
(देश में जून में सामान्य से 11 प्रतिशत कम बारिश हुई। यह पिछले पाँच वर्ष में इस माह में सबसे कम वर्षा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश में अब जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। आईएमडी के आँकड़ों के अनुसार, देश में जून महीने में 147.2 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य रूप इसे इस माह में 165.3 मिमी वर्षा होती है। इस तरह वर्ष 2001 के बाद से यह सातवाँ सबसे कम वर्षा वाला महीना रहा।)
4.
(भारत और पाकिस्तान ने सोमवार को एक-दूसरे की जेलों में बंद असैन्य कैदियों और मछुआरे की सूची साझा की। वर्ष 2014 से अब तक 2639 भारतीय मछुआरों और 71 असैन्य कैदियों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है। दोनों देश वर्ष 2008 के द्विपक्षीय समझौते के तहत वर्ष में दो बार एक जनवरी और एक जुलाई को ऐसी सूची साझा करते हैं।)
5.
(राज्यों के विकास और उनकी सुरक्षा को देखते हुए संसद को कानून बनाने का अधिकार है और कोई भी राज्य अन्य राज्यों के समान अधिकार प्राप्त करने का दावा नहीं कर सकता है। भारत में संसद को यह शक्ति है कि वह कानून के तहत किसी राज्य के लिए विशिष्ट नियमों और शर्तों का निर्धारण कर सकती है। चूँकि राज्य प्रशासनिक इकाइयाँ हैं और संघ सरकार द्वारा आवंटित संसाधनों के वितरण के लिए उत्तरदायी हैं, अतः उनकी भौगोलिक, सामरिक तथा सामाजिक-आर्थिक दशाओं को देखते हुए उन्हें विशेष सहायता दी जा सकती है। प्रशासनिक सुगमता और राज्यों के विकास पर गौर करते हुए वर्ष 1969 में पाँचवें वित्त आयोग ने विशेष राज्य का दर्जा देने की सिफारिश की थी। इस आधार पर असम, नगालैंड और जम्मू-कश्मीर को यह दर्जा दिया गया था। इनके अतिरिक्त, हिमाचल, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, अरुणाचल, मिजोरम, उत्तराखंड और तेलंगाना सहित 11 राज्यों को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा दिया गया है।)
6.
(ऑनलाइन खरीदी गई वस्तु अक्सर किसी न किसी कारण से सुर्खियों में रहती है। कभी भेजे गए उत्पाद की गुणवत्ता को लेकर तो कभी सही उत्पाद की जगह उसी वजन की कोई भी दूसरी वस्तु की डिलीवरी करने की बातें सुनने में आती हैं। इनको लेकर कंपनी और उपभोक्ता के बीच प्रायः विवाद की स्थिति बनना अब आम बात हो गई है, लेकिन जब बात ऑनलाइन मँगाई गई खाने की सामग्री की हो और उसमें ऐसी चीजें निकल आएँ, जो किसी भी कीमत पर खाने में स्वीकार्य न हों तो बड़ा सवाल उठता है? जब खाद्य सामग्री में अंगुली, मेंढक, कनखजूरा जैसे अभक्षणीय चीजें मिलेंगी तो सोचिए उन लोगों पर क्या बीतती होगी, जो विशुद्ध शाकाहारी हैं। इसे सेवा में चूक नहीं, बल्कि बड़ा अपराध माना जाना चाहिए। कोई भी व्यवसाय चलाना बेहद भरोसे का काम है। अब व्रत और तीज-त्योहार में भी लोग बाहर से ऑनलाइन प्रसाद और फलाहार तक मँगाने लगे हैं। उन्हें विश्वास रहता है कि पूर्ण रूप से शुद्ध और सात्विक तरीके से बनी सामग्री ही उन्हें डिलीवर की जाएगी।)
7.
(वैश्विक वित्तीय सलाहकार फर्म मोर्गन स्टैनली ने कहा है कि भारतीय शेयर बाजार का पूँजीकरण आगामी पाँच वर्षों में दोगुना हो सकता है। खुदरा निवेशक, घरेलू संस्थागत निवेशक, म्यूचुअल फंड आदि द्वारा भारतीय शेयर बाजार में लगभग 1500 करोड़ रुपये के शेयरों की रोजाना खरीद हो रही है, जिस कारण विदेशी निवेशक संस्थानों द्वारा शेयर बाजार में शेयर बेचे जाने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार पर बहुत बड़ा असर होता दिखाई नहीं दे रहा है यानी भारतीय निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार को अपने दम पर संभाल लिया है।)
8.
(आरबीआई ने सोमवार को बताया कि चलन से बाहर किए गए दो हजार रुपये के अब तक 97.87 प्रतिशत नोट बैंकों में वापस आ गए हैं। अब केवल 7,581 करोड़ रुपये के नोट लोगों के पास बचे हैं। आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में इन नोटों को बदला या अपने बैंक खाते में जमा किया जा सकता है। डाक के जरिये भी नोटों को आरबीआई के पास भेजकर खाते में जमा कराया जा सकता है।)
9.
(भारत के मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का उत्पादन जून में तेज गति से बढ़ा है। अनुकूल माँग परिस्थितियों के बीच नए ठेके मिलने जारी रहे और इसके परिणामस्वरूप रोजगार में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। मौसमी रूप से समायोजित 'एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (पीएमआई) जून में बढ़कर 58.3 हो गया, जो मई में 57.5 था। पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आँकड़ा गिरावट को दर्शाता है।)
10.
(आम भारतीय शिक्षा के मुकावले शादी विवाह के समारोह में दोगुना खर्च करते हैं। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में विवाह पर शिक्षा की तुलना में दोगुना खर्च किया जाता है, जबकि अमेरिका जैसे देशों में यह खर्च शिक्षा की तुलना में आधे से भी कम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय विवाह उद्योग का आकार 130 अरब डॉलर यानी लगभग 10 लाख करोड़ रुपये हो गया है।)
11.
(रेलवे की नई समय सारणी अगले वर्ष एक जनवरी से लागू होगी। रेलवे ने मौजूदा समय सारणी को 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ा दिया है। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर रेलवे जोनों ने ट्रेनों की मौजूदा समय सारिणी को 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ाने की जानकारी देते हुए सर्कुलर जारी कर दिए हैं। रेलवे प्रति वर्ष 30 जून से पहले ट्रेनों की समय सारिणी जारी करता है, जिसे ट्रेन्स एट ए ग्लांस (टीएजी) के नाम से जाना जाता है।)
12.
(प्यार व डेटिंग के मामलों में नाबालिग लड़के-लड़कियों के पकड़े जाने पर लड़के को ही गिरफ्तार किए जाने को लेकर नैनीताल उच्च न्यायालय ने पूछा है कि ऐसा क्यों? उच्च न्यायालय ने मामले में केंद्र व राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है। उच्च न्यायालय की खंडपीठ में एक अधिवक्ता की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।)
13.
(इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मतांतरण (धर्मांतरण) को लेकर गंभीर टिप्पणी की है। उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि धार्मिक सभाओं में धर्मांतरण की प्रवृत्ति जारी रही तो एक दिन भारत की बहुसंख्यक आबादी ही अल्पसंख्यक हो जाएगी। उच्च न्यायालय ने कहा कि लोगों को धर्म के प्रचार-प्रसार की छूट है, लेकिन धर्म बदलवाने की अनुमति नहीं है। ऐसे आयोजन संविधान के अनुच्छेद 25 द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के विरुद्ध हैं। यह अनुच्छेद किसी को भी धर्म मानने व पूजा करने व अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है। धर्म प्रचार की स्वतंत्रता किसी को धर्म परिवर्तन कराने की अनुमति नहीं देती।)
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